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विद्वान स्थायी अधिवक्ता ने 09 जनवरी तक प्रतिकारी शपथ पत्र जमा करने के लिए प्राथना की। याची की तरफ से एक दावा यह भी किया गया है कि नवीन विज्ञापन में आयु सीमा का निर्धारण खास अभ्यर्थियों को बदल देगी,जो पूर्व में अर्ह थे और 30 नवम्बर 2011 के विज्ञापन के अनुसरण में आवेदन किया था,अनर्ह हो चुके है।
यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने 30 नवम्बर 2011 के विज्ञापन के सन्दर्भ में की जाने वाली चयन प्रक्रिया को स्वयं ही छोड़ा है। इसके आगे यह बिन्दु उठाया गया है कि नियम 6 जिसका सरोकार प्रशिक्षु शिक्षको से है ,उपरी आयु सीमा निर्धारण का अधिकार केवल राज्य सरकार को प्रदत्त है।1st जुलाई , 2012 न्यूनतम आयु का 21 वर्ष और 40 वर्ष निर्धारण अवैधानिक है।अंत में यह भी प्रस्तुत किया गया कि अब प्रत्येक अभ्यर्थी को 500 रुपये का बैंक ड्राफ्ट प्रत्येक जिले हेतु उपस्कृत करना आवश्यक होगा जहा वह आवेदन करता है। इसके माने यह हुआ कि यदि एक व्यक्ति सभी 75 जिलो में आवेदन करता है तो उसे राज…्य सरकार को 37500 रुपये चुकाने की आवश्यकता होगी।
याची के अनुसार पूर्व में राज्य सरकार ने कितने भी जिलो में आवेदन करने के लिए मात्र 500 रुपये प्रभार रखा था।उनका मामला यह है कि 500 रुपये शुल्क का निर्धारण स्वेच्छाचारी और अतिव्ययी है ,विशेषतः याचियों के बेरोजगार शिक्षित युवा होने के सन्दर्भ में।उनका मामला यह है इस शुल्क में राज्य सरकार को लाभ कमाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, सर्वोत्तम यह होगा कि इतना ही शुल्क वसूला जाये जितना आवेदनों के मूल्यांकन और मेधा सूची की गणना में खर्च हो।न्यायालय के सामने यह भी बिंदु उठा कि नवीन विज्ञापन के अनुसरण में आवेदन जमा करने अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2012 है।आवेदन ऑनलाइन किये जाने है।अतः जब तक कि शर्ते जो की वर्णित है संतुष्ट नहीं करती ऑनलाइन आवेदन अस्वीकृत होंगे।
न्यायालय शीतकालीन अवकाश हेतु कल से बंद हो रहा है और राज्य सरकार द्वारा दाखिल प्रतिकारी शपथ पत्र के बिना सभी उठाये गए मुद्दों पर निर्णय देना संभव नहीं है।
अतः कुछ अंतरिम व्यवस्था करना आवश्यक है।इस उद्देश्य हेतु विद्वान स्थायी अधिवक्ता श्री नीरज उपाध्याय राज्य सरकार से आवश्यक दिशा निर्देश कल यानि 21 दिसंबर 2012 तक कर लें। इस मामले को दोबारा कल यानि 21 दिसंबर 2012 को प्रस्तुत करे|
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